सुविचार- किताबें
'' बुद्धिमान व्यक्ति हमेशा पुस्तकों से प्रेम करते हैं. ,,
'' पुस्तक एक बगीचा है , जिसे जेब में रखा जा सकता है . ,,
'' किताबें हमें मानसिक रूप से सन्तुलित रखती है, इसलिए सभी को किताबों से दोस्ती करनी चाहिए , ,,
'' क्योंकि यह न सिर्फ हमें कल्पनाशील बनाती हैं बल्कि हमारे ज्ञान में भी वृद्धि करती हैं . ,,
'' यह संसार एक सुन्दर पुस्तक है, परन्तु जो इसे नहीं पढ़ सकता, उस के लिए व्यर्थ है. ,,
" अच्छी किताबें हमारी सोच को विकसित करती हैं और ज़िन्दगी को बेहतरी की ओर मोड़ने का माद्दा रखती हैं . ,,
" यदि कोई ऐसी पुस्तक है, जिसे आप पढ़ने के अत्यन्त इच्छुक हों , लेकिन वह लिखी नहीं गयी हो , तो ऐसी पुस्तक को आपको स्वयं ही लिखना होगा . ,,
" पुस्तकों से विहीन घर , खिड़की विहीन घर के समान है. ,,
" साफसुथरी मनोरंजन वाली किताबें अपने पास अवश्य रखें. मन में निराशा पैदा होते ही तत्काल चुटकुले की या मनोरंजन वाली किताब पढ़ें. ,,
" अच्छी पुस्तकों के सम्पर्क में रह कर मनुष्य का मन, ऎसा सुन्दर हो जाता है कि उसकी सुगन्ध हर तरफ फ़ैल जाती है. ,,
" किताबें ऐसी शिछक हैं, जो बिना कष्ट दिए, बिना आलोचना किए और बिना परीछा लिए, हमें शिछा देती हैं. ,,
" ज़िन्दगी तो सभी के लिए वही रंगीन किताब है , फर्क सिर्फ इतना है, कोई हर पन्ने को दिल से पढ़ रहा है और कोई दिल रखने के लिए केवल पन्ने पलट रहा है . ,,
" सही किताब वह नहीं है, जिसे हम पढ़ते हैं . सही किताब वह है , जो हमें पढ़ती है , ,,
" एक अच्छी पुस्तक एक महान व्यक्ति के जीवन का निचोड़ होती है, जो दूसरों के लिए बहोत मेहनत से लिखी जाती है. ,,
'' अच्छी किताब एक जादुई कालीन की तरह है जो आहिस्ते से हमें उस दुनिया की सैर कराती है , जहाँ
दूसरी किसी चीज़ के ज़रिए हम प्रवेश नहीं कर सकते. ,,
'' जो किताबें दोस्त नहीं बन पाती वे आपका साथ छोड़ जाती हैं. ,,
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